Aug 14, 2015

भारतीय सशस्‍त्र सेनाएँ


सोजन्य: wikipedia


भारत सरकार भारत की तथा इसके प्रत्‍येक भाग की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी है। भारतीय शस्‍त्र सेनाओं की सर्वोच्‍च कमान भारत के राष्‍ट्रपति के पास है। राष्‍ट्र की रक्षा का दायित्‍व मंत्री मंडल के पास होता है। इसका निर्वाहन रक्षा मंत्रालय से किया जाता है, जो सशस्‍त्र बलों को देश की रक्षा के संदर्भ में उनके दायित्‍व के निर्वहन के लिए नीतिगत रूपरेखा और जानकारियां प्रदान करता है। भारतीय शस्‍त्र सेना में तीन प्रभाग हैं भारतीय थलसेना, भारतीय जलसेना, भारतीय वायुसेना और अन्य कई स्वतंत्र और आनुषांगिक इकाइयाँ जैसे: भारतीय सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, राष्ट्रीय राइफल्स, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, भारत तिब्बत सीमा पुलिस इत्यादि।

भारतीय सेना के प्रमुख कमांडर भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी हैं। यह दुनिया के सबसे बड़ी और प्रमुख सेनाओं में से एक है। सँख्या की दृष्टि से भारतीय थलसेना के जवानों की सँख्या दुनिया में चीन के बाद सबसे अधिक है। जबसे भारतीय सेना का गठन हुआ है भारत ने दोनों विश्वयुद्ध में भाग लिया है। भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ तीन युद्ध जीते हैं (1948, 1965, तथा 1971) तथा चीन से 1962 में एक बार हार मिली है। 1999 में इसके अलावा एक छोटा युद्ध कारगिल युद्ध पाकिस्तान के साथ दुबारा लड़ा गया जिसके बाद पाकिस्तान में नवाज़ शरीफ का तख्ता पलट कर परवेज़ मुशर्रफ सत्तासीन हुये।

भारतीय सेना आण्विक हथियार से लैस है और उनके पास उचित मिसाइल तकनीक भी उपलब्ध है।

भारतीय सेना की ओर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र है।

सेना का व्यय

वित्त वर्ष 2014-15 के केन्द्रीय अंतरिम बजट में रक्षा आवंटन में 10 प्रतिशत बढ़ोत्‍तरी करते हुए 224,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए। 2013-14 के बजट में यह राशि 203,672 करोड़ रूपए थी। 2012-13 में रक्षा सेवाओं के लिए 1,93,407 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था, जबकि 2011-2012 में यह राशि 1,64,415 करोइ़ थी।
रक्षा उत्पादन के आधुनिकीकरण में 2007-2008 में 944.95 करोड़ खर्च किया गया जो कि बढ़ कर 2008-2009 में 1370.99 तथा 2009-2010 में 1243.47 करोड़ हो गया।

भारतीय थलसेना


भारतीय थलसेना भारतीय सशस्त्र सेनाओं की थल इकाई है, इसपर भूमि पर संचालित होने वाले सैन्य कार्यक्रमों का उत्तरदायित्व है| इसके प्राथमिक उद्देश्य भारतीय सीमाओं की बाहरी शक्तियों के आक्रमण से रक्षा करना, देश के अन्दर शान्ति एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना, सीमाओं की निगरानी एवं आतंक विरोधी कार्यक्रमों का सञ्चालन करना हैं| आपदा, अशांति और उपद्रव की स्थितियों में भारतीय थलसेना बचाव एवं मानवीय सहायता पहुँचाने में प्रशासन का सहयोग भी करती है| थलसेना का नियंत्रण एवं सञ्चालन का कार्य भारतीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत है|

ग्यारह लाख तीस हज़ार सक्रिय सैनिकों एवं बारह लाख आरक्षित सैन्य कर्मियों की सेवाएं ग्रहण करने वाली भारतीय थल सेना विश्व की दूसरी सबसे बड़ी सेना है| यह पूर्णतः स्वेच्छिक सेवा है, यद्यपि भारत के संविधान में अनिवार्य सैन्य सेवा का प्रावधान भी है, पर इसे आज तक लागू नहीं किया गया|

भारतीय थलसेना की स्थापना सन् १९४७ में भारत को स्वतंत्रता मिलने के तुंरत बाद हुई थी| ब्रिटिश राज के समय की अधिकतर रेजीमेंटों को यथावत रहने दिया गया| संयुक्त राष्ट्र की शान्ति सेनाओं के सदस्य के तौर पर भारतीय थलसेना ने विश्व के अधिकतर युद्ध एवं संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया है| इसे देश की भौगोलिक विभिन्नताओं के चलते अलग- अलग भौगोलिक क्षेत्रों में युद्ध का बहुमूल्य अनुभव है| दलबीर सिंह सुहाग थलसेना के वर्त्तमान प्रमुख हैं| भारतीय थलसेना में फील्ड मार्शल का पद उच्चतम माना जाता है| यह एक मानद पद है जो की केन्द्र सरकार की अनुशंसा पर राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है, परन्तु केवल विशिष्ट परिस्थितियों में ही इसकी अनुशंसा की जाती है भारतीय सेना के छः दशकों के इतिहास में मात्र दो अधिकारीयों को ही फील्ड मार्शल का पद सौंपा गया है|

भारतीय वायुसेना

भारतीय वायुसेना (इंडियन एयरफोर्स) भारतीय सशस्त्र सेना का एक अंग है जो वायु युद्ध, वायु सुरक्षा, एवं वायु चौकसी का महत्वपूर्ण काम देश के लिए करती है। इसकी स्थापना ८ अक्टूबर १९३२ को की गयी थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) से पूर्व इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था और १९४५ के द्वितीय विश्वयुद्ध में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी (१९५० में पूर्ण गणतंत्र घोषित होने) के पश्च्यात इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया।

आज़ादी के बाद से ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बडे मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन विजय - गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है।

भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते।

इसका मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है एवं २००६ के आंकडों के अनुसार इसमें कुल मिलाकर १७०,००० जवान एवं १,३५० लडाकू विमान हैं जो इसे दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है।

भारतीय नौसेना

भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग, भारतीय नौसेना ५६०० वर्षों के अपने गौरवशाली इतिहास के साथ भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षक है। ५५,००० नौसेनिको से लैस यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है। पिछले कुछ वर्षों से लागातार आधुनिकीकरण के अपने प्रयास से यह विश्व की एक प्रमुख शक्ति बनने की भारत की महत्त्वाकांक्षा को सफल बनाने की दिशा में है।




Aug 13, 2015

જાણી જ લો…ખોવાઇ જાય બેન્ક પાસબુક કે પ્રોપર્ટી પેપર, આ છે પાછા મેળવવાના રસ્તા…!!

જાણી જ લો…ખોવાઇ જાય બેન્ક પાસબુક કે પ્રોપર્ટી પેપર, આ છે પાછા મેળવવાના રસ્તા…!!



મોટાભાગે લોકો પોતાની જરૂરીયાતના હિસાબથી અલગ-અલગ જગ્યાએ રોકાણ કરે છે. આ રોકાણ ઇન્શ્યોરન્સ પોલિસી, ફિકસ્ડ ડિપોઝિટ, કિસાન વિકાસપત્ર, મ્યુચ્યુઅલ ફન્ડ, પ્રોપર્ટી વગેરેમાં હોઇ શકે છે. રોકાણ કરતી વખતે ડોક્યુમેન્ટ્સ મળે છે, જેને દરેક વ્યક્તિ સંભાળીને રાખે છે, પરંતુ બેન્ક ડોક્યુમેન્ટ અને પ્રોપર્ટી પેપર જેવા જરૂરી દસ્તાવેજ જો ખોવાઇ જાય તો શું કરવું, એ લોકોને કદાચ ખબર નથી પડતી. મનીભાસ્કર આજે આપને જણાવી રહ્યું છે કે જો આપના બેન્ક ડોક્યુમેન્ટ કે અન્ય જરૂરી કાગળિયા ખોવાઇ જાય તો તેને પાછા કેવી રીતે પ્રાપ્ત કરી શકાય.

આવો જાણીએ શું છે અલગ-અલગ ડોક્યુમેન્ટ્સને પાછા પ્રાપ્ત કરવાની રીતો…

૧. કેવી રીતે મળશે પ્રોપર્ટીના ડુપ્લીકેટ દસ્તાવેજ

પ્રોપર્ટીના ડુપ્લીકેટ દસ્તાવેજ મહત્વના હોય છે. જો આપ ક્યારેય પણ આ પ્રકારની મુશ્કેલીમાં આવી જાઓ, સૌથી પહેલા પોલિસની પાસે ફરિયાદ રજિસ્ટર કરાવો. ત્યાર બાદ બે નેશનલ ન્યૂઝપેપરમાં જાહેરાતો આપો. ત્યાર બાદ એફઆઇઆરની કોપી, છાપામાં આપેલી જાહેરાતનું કટિંગને સબ-રજિસ્ટ્રારની ઓફિસમાં જમા કરાવો. સબ-રજિસ્ટ્રાર ઓફિસમાં ગયા બાદ આપને પ્રોપર્ટીના ડુપ્લિકેટ પેપરના બદલામાં આપવી પડતી ફી ભરવી પડશે. રજિસ્ટ્રાર ઓફિસમાં કાગળની પ્રક્રિયા પૂરી થયા બાદ પ્રોપર્ટી ડોક્યુમેન્ટની ડુપ્લીકેટ કોપી આપને ઇશ્યૂ કરી દેવાશે.

૨. ખોવાઇ ગયેલી બેન્ક પાસબુક પાછી મેળવવાના ઉપાય

બેન્ક પાસબુક ખોવાઇ જાય કે ગુમ થઇ જાય તો ડુપ્લીકેટ પાસબુક માટે સૌથી પહેલા બેન્કને સૂચિત કરવામાં આવે છે. ડુપ્લીકેટ પાસબુક માટે બેન્કમાં અરજી આપો. અરજીનું એક નિશ્ચિત ફોર્મેટ હોય છે. જેમાં તમારે તમારા ખાતા અને પર્સનલ જાણકારી આપવાની હોય છે. ડુપ્લીકેટ પાસબુક ઇશ્યૂ કરવામાં ઘણી બેન્ક સામાન્ય ચાર્જ વસૂલ કરે છે. તો ઘણી બેન્ક ચાર્જ વિના જ ડુપ્લીકેટ પાસબુક ફરી ઇશ્યૂ કરી દે છે. તો ઘણી સરકારી બેન્ક ડુપ્લીકેટ પાસબુક ઇશ્યૂ કરવા માટે એફઆઇઆરની કોપી પણ માંગે છે. જો કે, આ અનિવાર્ય નથી. ત્યાર બાદ બેન્ક આપની ડુપ્લીકેટ પાસબુક ઇશ્યૂ કરે છે.

૩. ઇન્શ્યોરન્સ પોલિસીના ડુપ્લીકેટ પેપર

ઇન્શ્યોરન્સ પોલિસીના ડુપ્લીકેટ દસ્તાવેજ પ્રાપ્ત કરવા માટે તમારે વીમા કંપનીમાં ડુપ્લીકેટ પેપર માટે અરજી કરવી પડશે.

૫. મ્યુચ્યુઅલ ફન્ડના ડુપ્લીકેટ પેપર

મ્યુચ્યુઅલ ફન્ડમાં રોકાણના ડુપ્લીકેટ પેપર પ્રાપ્ત કરવા માટે તમારે એસેટ મેનેજમેન્ટ કંપની પાસે અરજી આપવાની રહેશે. ત્યાર બાદ એએમસી આપની પાસેથી બેન્ક ડિટેલ, પર્સનલ જાણકારી રોકાણ ખાતા નંબર માંગશે. પાન કાર્ડની એક કોપી પણ જમા કરાવવાની રહેશે. ત્યાર બાદ એએમસી આપને દસ્તાવેજ પૂરા પાડશે. સાથે જ દસ્તાવેજની એક કોપી આપ આપના રજિસ્ટર્ડ ઇમેલ પર મોકલી આપશે.

અહીં જાણો ડોક્યુમેન્ટ્સ ખોવાઇ જવાની ટેન્શનથી કેવી રીતે રહો દૂર

ડિજિટલ યુગમાં જાતને હાઇટેક રાખવાની સાથે જ ઇલેક્ટ્રોનિક ફોર્મેટનો ઉપયોગ કરવો પણ જરૂરી છે. જેનાથી ડોક્યુમેન્ટ ખોવાઇ જવા કે ગુમ થઇ જવાનું ટેન્શન નહીં રહે. ડોક્યુમેન્ટ્સને ઇલેકટ્રોનિક ફોર્મેટમાં સુરક્ષિત રાખી શકાય છે. બધા સર્વિસ પ્રોવાઇડર કંપની રોકાણના ડોક્યુમેન્ટ્સને ઇલેકટ્રોનિક ફોર્મેટમાં રાખવાની સુવિધા આપે છે. આના બીજા ઘણાં ફાયદા છે. જેમ કે એડ્રેસ બદલવું, બેન્ક એકાઉન્ટ બદલવાનું કે નોમિનીનું નામ આપ સીધા બેન્ક એકાઉન્ટમાં બદલી શકો છો. આ કામો માટે કોઇ પરેશાની નહીં થાય. આ ઉપરાંત, જો આપની પાસે અગાઉથી કોઇ હાર્ડ કોપી હશે, તો તેને સ્કેન કરીને આપ તેને ઇમેલ પર સુરક્ષિત રાખી શકો છો.

સાભાર: દિવ્ય ભાસ્કર.

Aug 7, 2015

मतदान ना करने पर अब लगेगा 100 रुपये का जुर्माना

गुजरात सरकार ने मतदान को अनिवार्य बनाने के लिए अहम फैसला किया है। गुजरात सरकार ने कहा है कि पंजीकृत मतदाता अगर राज्य में स्थानीय चुनावों में वाजिब कारण बताए बिना अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करते है तो उन पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। गुजरात देश का पहला राज्य है जिसने मतदान को अनिवार्य करने का प्रावधान किया है।

मतदान को अनिवार्य किये जाने के बाद गुजरात सरकार ने राज्य में पंचायत, ग्रामीण आवास और ग्रामीण विकास मंत्री जयंतीभाई कवाडिया ने इसकी घोषणा की। कवाडिया ने कहा कि स्थानीय चुनावों में वोटिंग अनिवार्य करने वाले प्रावधान से जुड़े गुजरात स्थानीय प्राधिकार कानून (संशोधन) कानून, 2009 के तहत छूटों तथा नियमों को उनके विभाग ने मंजूरी दे दी है।

वोट न डालने वाले डिफॉल्टर्स को मॉनिटरी फाइन और सोशल सर्विस के रूप में सजा दी जा सकती है। सरकार डिफॉल्टरों को सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ से भी वंचित करने पर भी विचार कर रही है। गुजरात में पिछले सालों में स्थानीय निकाय के चुनावों में 50 से 60% की औसत वोटिंग दर्ज की गई है। इस नियम से वोटिंग में लोगों की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करवाई जा सकेगी।

Aug 6, 2015

એસ.એમ.એસ થી તમારા ગામની સસ્તા અનાજની દુકાનની વિગત, જેમ કે કેટલુ અનાજ,શુ ભાવ, કાર્ડ દીઠ જથ્થેા વગેરે..જાણો...


પ્રથમ સ્ટેપ વાચો.....


Step 1.  Link open kari Aapno mobile number enter karo.


Step 2. Otp thi message aavshe. Jema 5 character no password aavshe.


Step 3. TE password thi aagal vandho tyare Aapno jillo . Taluko ane reshaning ni dukananu naam pasand karo.


Step 4. submit aapo etle Aapno mobile number tds system ma join thai gayo chhe.


Aap Badhi J vigat aapna mobile par melvi shaksho...


પહેલાં તમારો મોબાઈલ નંબર નાખી 'આગળ વધો' બટન ઉપર ક્લીક કરો. આમ કરતાં તમે દર્શાવેલ નંબર ઉપર એક OTP નંબર આવશે. આ નંબર પોર્ટલ ઉપર એન્ટર કરી સબમીટ કરતાં તમે મોબાઇલ રજીસ્ટર કરાવી શકશો.


તમારો મોબાઈલ નંબર રજીસ્ટર કરવા click here


Aug 4, 2015

15 अगस्त स्पेसीयल.....

💥15 August Special 💥
नाटक
स्वागत गीत
डान्स गीत
देस भकितगीत
सौजन्य:- पुरनभाई गोडंलीया...
यहा क्लीक करे....

Aug 2, 2015

એ. પી. જે. અબ્દુલ કલામ

એ. પી. જે. અબ્દુલ કલામ



અવુલ પાકિર જૈનુલાબ્દિન અબ્દુલ કલામ (જન્મ : ૧૫ ઓક્ટોબર ૧૯૩૧, રામેશ્વરમ; મૃત્યુ: ૨૭ જુલાઇ ૨૦૧૫, શિલોંગ) જેઓ ડો.એ.પી.જે.અબ્દુલ કલામ તરીકે ઓળખાય છે, તેઓશ્રી ભારતના રાષ્ટ્રપતિ પદે ઇ. સ. ૨૦૦૨ થી ૨૦૦૭ સુધી બિરાજમાન હતા. તેમની અનોખી કાર્યપધ્ધતીને કારણે તેઓ ખુબ પ્રખ્યાત થયા અને "જનસામાન્યનાં રાષ્ટ્રપતિ" તરીકે લોકચાહના મેળવી. અબ્દુલ કલામે ભૌતિકવિજ્ઞાનનો અભ્યાસ સેંટ જોસેફ્ કોલેજ, તિરુચિરાપલ્લી અને એરોસ્પેસ ઇજનેરીનો અભ્યાસ મદ્રાસ ઇન્સ્ટિટ્યટ ઓફ ટેકનોલોજી(MIT), ચેન્નઇ ખાતેથી કર્યો હતો.

રાષ્ટ્રપતિ બન્યા પહેલા તેમણે એરોસ્પેસ ઇજનેર તરીકે સરંક્ષણ અને વિકાસ સંગઠન(DRDO) અને ભારતીય અંતરિક્ષ અનુસંધાન સંગઠન(ISRO) ખાતે કામ કર્યુ હતું.

એ.પી.જે. અબ્દુલ કલામે તેમના પુસ્તક 'ઇન્ડિયા ૨૦૨૦'માં ભારતને જ્ઞાન-મહાશક્તિ અને વિકસિત રાષ્ટ્ર બનાવવા માટે પ્રખર હિમાયત કરી છે.

૧૯૯૭માં અબ્દુલ કલામને વૈજ્ઞાનિક સંશોધન અને ભારતની સંરક્ષણ તકનિકીના આધુનિકિકરણમાં તેમણે કરેલા યોગદાન માટે ભારતના સર્વોચ્ચ પુરસ્કાર ભારત રત્નથી સન્માનવામાં આવ્યા છે. ૨૦૧૨માં તેમનો ૭૯મો જન્મદિવસ યુનાઇટેડ નેશન્સે વિશ્વ વિદ્યાર્થી દિવસ તરીકે ઉજવ્યો હતો. તેમને ૪૦ વિશ્વવિદ્યાલયો (યુનિવર્સિટીઓ)માંથી માનદ ડોક્ટરેટની પદવી પણ એનાયત કરવામાં આવી છે. ભારત સરકારે તેમના ઇસરો અને ડી.આર.ડી.એ.માં કરેલા કાર્યો તથા ભારત સરકારના વિજ્ઞાન સલાહકાર તરીકેની સેવાઓ બદલ વર્ષ ૧૯૮૧માં તેમને પદ્મભૂષણ અને ૧૯૯૦માં પદ્મવિભૂષણથી નવાજ્યા છે. ૨૦૦૫માં તેમની સ્વિત્ઝર્લેન્ડની મુલાકાત દરમ્યાન તે દેશે ૨૬ મેને વિજ્ઞાન દિવસ ઘોષિત કર્યો હતો.૨૦૧૩માં નેશનલ સ્પેસ સોસાયટી તરફથી તેમને વોન બ્રાઉન એવોર્ડ મળ્યો જે મેળવનાર તેઓ સૌપ્રથમ વ્યક્તિ હતા.

સન્માન અને ખિતાબો